दिवाली 2024, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और पूजा सामग्री

Date : 2024-09-16

दिवाली 2024, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि और पूजा सामग्री

हर साल कार्तिक महीने की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है। इस दिन सभी हिंदू, धन की देवी - लक्ष्मी माता और भाग्य के देवता - भगवान गणेश की पूजा करते हैं। दीपावली पर भगवान कुबेर की भी पूजा की जाती है। बहुत से लोग लक्ष्मी पूजा पर व्रत भी रखते हैं।

दीपावली पर देवी लक्ष्मी की पूजा और प्रार्थना करने से आप धन से जुड़ी सभी समस्याओं से सुरक्षित रहते हैं। साथ ही, यह आपकी आय और सौभाग्य को बढ़ाता है। इसलिए, दीपावली पर माता लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें। 

दिवाली पूजा शुभ मुहूर्त

2024 में, दीपावली 1 नवंबर को मनाई जाएगी। हिंदी पंचांग के अनुसार, अमावस्या 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 3:52 बजे शुरू हो रही है और 1 नवंबर को शाम 6:16 बजे समाप्त होगी। दिवाली पूजा का शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को शाम 5:36 बजे से शुरू होकर शाम 6:16 बजे तक है। आप जिस राज्य में रह रहे हैं, उसके अनुसार समय अलग-अलग हो सकता है। 

दीपावली पूजा सामग्री

कलावा, रोली, सिन्दूर, एक नारियल, अक्षत, लाल वस्त्र, फूल, पांच सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, घी, कलश, कलश के लिए आम का पल्लव, कमल गट्टे, पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, गंगाजल), फल, बताशे, पूजा के लिए आसन, दीया, अगरबत्ती, कुमकुम, दीपक, रूई , आरती की थाली, कुशा और चांदी के सिक्के । 

दीपावली पूजा विधि

  1. दीपावली पर, हिंदू देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। पूजा स्थल को साफ करें, एक चौकी रखें और उस पर पीला या लाल कपड़ा बिछाएं।
  2. चौकी पर और पूरे पूजा स्थल पर थोड़ा सा गंगाजल छिड़कें।
  3. चौकी पर माता लक्ष्मी और गणेशजी की मूर्ति स्थापित करें। लक्ष्मी माता को भगवान गणेश के दाहिनी ओर रखें। आप भगवान कुबेर और माता सरस्वती की मूर्ति भी रख सकते हैं।
  4. माता लक्ष्मी के सामने घी के पांच 5 या 7 दीये जलाएं।
  5. अपने हाथों में कुछ पीले या लाल फूल लें, गणेश भगवान का ध्यान करें और "ऊँ गं गणपतये नम:" का जाप करें। बाद में “गजाननम् भूत भू गणादि सेवितं कपित्थ जम्बू फलचारुभक्षणम् उमासुतं सु शोक विनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपाद पंकजम्।” का जाप करें।
  6. गणेश भगवान का तिलक करें और उन्हें दूर्वा और मोदक चढ़ाएं।
  7. माता लक्ष्मी को लाल सिन्दूर से तिलक करें और “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद। श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मि नमः॥“का जाप करें।
  8. फिर कुबेरजी और सरस्वती माता की पूजा करें। धन कुबेर के लिए “ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं कुबेराय अष्ट-लक्ष्मी मम गृहे धनं पुरय पुरय नमः “ का जाप करें। एवं माता सरस्वती के लिए “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः। सरस्वती ॐ सरस्वत्यै नमः। महामाया ॐ महामायायै नमः“का जाप करें।
  9. पूजा के बाद गणेश जी की आरती करें और उन्हें भोग लगाएं।
  10. प्रसाद को अपने परिवार के सभी सदस्यों में बांट दें।

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