करवा चौथ 2024 पूजा मुहूर्त और विधि, कब निकलेगा चन्द्रमा करवा चौथ के दिन?

Date : 2024-09-10

करवा चौथ 2024 पूजा मुहूर्त और विधि, कब निकलेगा चन्द्रमा करवा चौथ के दिन?

करवा चौथ हिंदू विवाहित महिलाओं के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। यह हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष चतुर्थी के दौरान मनाया जाता है। करवा चौथ भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है। हालाँकि, तारीख एक ही रहती है। लेकिन, यह उत्तर भारतीय राज्यों में अधिक प्रसिद्ध है।

करवा चौथ के दिन, हिंदू सुहागिनें अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए उपवास करती हैं। सभी हिंदू सुहागिने देवो के देव महादेव और उनके परिवार की पूजा करती हैं। वे चंद्रमा के दर्शन के बाद ही कुछ खाती-पीती हैं। सूर्योदय से लेकर चांद दिखने तक, सभी विवाहित हिंदू महिलाएँ पानी की एक बूँद भी पीती हैं।

करवा चौथ को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। करवा या करक का अर्थ है मिट्टी का बर्तन जिससे चंद्रमा को जल चढाया किया जाता है। इस अर्पण को अर्घ कहा जाता है। करवा चौथ के दौरान करवा एक महत्वपूर्ण वस्तु है। इसलिए, इसे आम तौर पर ब्राह्मणों या किसी योग्य महिला को दिया जाता है।

आइए जानते हैं 2024 में करवा चौथ कब मनाई जाएगी, इसका शुभ मुहूर्त क्या है और चंद्रमा कब उदय होगा। 

करवा चौथ 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार, कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 6:46 बजे से शुरू होकर 21 अक्टूबर 2024 को शाम 4:16 बजे समाप्त होगी। करवा चौथ पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:46 बजे से 7:57 बजे तक है। चंद्रमा शाम 7:54 बजे उदय होंगे। 

करवा चौथ कैसे मनाएं ?

करवा चौथ की कई रस्में हैं, लेकिन उनमें से कुछ आम हैं।

  1. उपवास: विवाहित हिंदू महिलाएं अपने पति की सुरक्षा, अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं।
  2. खाना: हिंदी महिलाएं सुबह खाना खाती हैं। उन्हें सरगी खानी होती है, जिसमें सूखे मेवे, दूध और कुछ अन्य उच्च ऊर्जा वाली चीजें शामिल होती हैं।
  3. पहनावा: सभी हिंदू सुहागिनें पारंपरिक कपड़े पहनती हैं, चूड़ियाँ, मेहंदी और सिंदूर लगाती हैं।
  4. प्रार्थना: विवाहित हिंदू महिलाएँ शिवजी, गणेशजी, पार्वती मैया, कार्तिकजी और नंदीदेव की पूजा करती हैं। वे माता करवा की भी पूजा करती हैं और उनकी कहानियाँ सुनती हैं।
  5. व्रततोड़ना: चंद्रमा के उदय होने पर, विवाहित महिलाएँ छलनी से उसे देखती हैं और जल अर्पित करती हैं। पति अपनी पत्नियों को व्रत तोड़ने के लिए वही जल और मिठाई खिलाते हैं। 

करवा चौथ क्यों महत्वपूर्ण है ?

करवा चौथ पति और पत्नी के बीच अटूट प्रेम का प्रतीक है। मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ का व्रत रखने और मनाने से वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है। साथ ही, यह सौभाग्य और खुशी को भी बढ़ाता है।

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