Date : 2024-10-22
जानें शनि ग्रह शांति के प्रभावशाली उपाय
शनिदेव आपको आपके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। इसलिए उन्हें कर्मफलदाता और न्यायाधीश भी कहा जाता है। शनिदेव को प्रसन्न रखने से आपकी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसके विपरीत, यदि आपका शनि कमजोर है, तो आपको अपने जीवन में बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यदि आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर हैं। आइए हम आपको बताते हैं उन्हें प्रसन्न रखने के उपाय।
शनि शांति के उपाय
- दान: शनिदेव को ऐसे लोग बहुत पसंद हैं जो गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। यदि आप उनकी कृपा दृष्टि में रहना चाहते हैं, तो दान करना शुरू करें। पूरी श्रद्धा और बिना किसी नकारात्मक सोच के काले चने, काले तिल, उड़द की दाल और साफ कपड़े दान करें।
- काली गाय: काली गाय की सेवा करने से शनिदेव प्रसन्न रहते हैं। गाय के सिर पर रोली का टीका लगाएं, सींगों पर कलावा बांधें और फिर धूप-आरती करें। इसके बाद गाय की परिक्रमा करें और उसे बूंदी के लड्डू खिलाएं।
- काली गाय के अलावा आपको दूसरे जानवरों से भी प्यार करना चाहिए, खास तौर पर कुत्तों से। अगर आप कुत्ते को खाना खिलाते हैं और उसकी देखभाल करते हैं तो शनिदेव कभी आप पर नाराज नहीं होंगे।
- शनि स्त्रोत: हर शनिवार को शनि स्त्रोत का सात बार पाठ करें। शनि यंत्र के सामने स्त्रोत का पाठ करें। इससे आपके काम से जुड़ी सभी परेशानियां दूर होंगी और आपके घर में खुशहाली आएगी।
- शनि मंत्र: शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि मंत्र का जाप करें। इससे आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर होंगी।
- हनुमान जी: शनि ग्रह के सभी बुरे प्रभावों से बचने के लिए हर दिन महाबली हनुमानजी की पूजा करें। हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करें और बजरंग बली आपको शनिदेव के प्रकोप से बचाएंगे।
- काला धागा: अपनी हथेली से एक काला धागा नापें। यह 19 हाथ लंबा होना चाहिए। शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभावों से बचने के लिए इस धागे को गले में पहनें।
- सादा भोजन: शनिवार को मांसाहारी भोजन से परहेज करें। अगर आपकी साढ़ेसाती चल रही है तो मांसाहारी भोजन और शराब का सेवन न करें।
- पीपल का पेड़: हर शनिवार को सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ के नीचे दीया जलाएं। फिर पेड़ को धूप और दूध अर्पित करें।
- काले चने: शुक्रवार की रात को कुछ काले चने पानी में भिगो दें। शनिवार को उन काले चनों, कच्चे कोयले और लोहे की एक पत्ती को कपड़े में बांधकर मछलियों के बीच में डाल दें। शनिदेव के प्रकोप से बचने के लिए एक साल तक ऐसा करें।